गर्भावस्था के समय कराएं फिजियोथेरेपी, जाने डॉ. शिल्पा ने महिलाओं के लिए क्यों बताया लाभदायक

गर्भावस्था के समय कराएं फिजियोथेरेपी, जाने डॉ. शिल्पा ने महिलाओं के लिए क्यों बताया लाभदायक

सेहतराग टीम

टेक्नोलॉजी के दौर में लोगों को अपने सेहत को बनाये रखने की चुनौती काफी बड़ी होती हैं, क्योंकि बदलते समय और पैसें कमाने की दौड़ में लोग अपनी सेहत का ध्यान नहीं रख पाते हैं। इस भागदौड़ की जिंदगी में लोग कई घंटों तक खड़े होकर काम करते है, कई लोग कुर्सी पर बैठ कर घंटों लैपटॉप या कम्प्युटर चलाते है। जो उनके हड्डियों पर काफी असर करता हैं। हड्डियों में दर्द होने से कई लोग दवा खाते हैं तो कई लोग फिजियोथेरेफिस्ट के पास जाकर एक्सरसाइज करते हैं। वैसे हड्डियों में दिक्कत होने पर आज के समय में लोग फिजियोथेरेफिस्ट के पास जाते है, लेकिन आज हम आपको बतायेंगें कि गर्भावस्था में फिजियोथेरेपी महिलाओं के लिए कितना उपयोगी है। दरअसल फिजियोथेरेपी तो हड्डियों के लिए होता है, लेकिन नोएडा में स्थित फोर्टिज अस्पताल की सीनियर फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर शिल्पा के अनुसार महिलाओं को समय-समय पर फिजियोथेरेपी करवाते रहना चाहिए। क्योंकि उससे गर्भावस्था के समय उन्हें ज्यादा तकलीफ नहीं होती है और उससे उनकी और बच्चे की सेहत अच्छी बनी रहती है।

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डॉक्टर शिल्पा के अनुसार महिलाओं को तीन स्टेज में फिजियोथेरेपी करानी चाहिए। पहला स्टेज प्रग्रेंसी के पहले का होता है, दूसरा प्रेग्रेंसी धारण के समय और तीसरा प्रेंग्रेंसी के बाद। उसके बाद उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए सबसे ज्याद ध्यान देने वाला समय प्रेग्रेंसी का ही होता है। उस समय महिलाओं को अपने सेहत का ध्यान भी रखना चाहिएं, तो आइए जानते है कि डॉक्टर शिल्पा के अनुसार प्रेंग्रेंसी के समय महिलाओं को फिजियोथेरेपी कराने से क्या-क्या फायदे होते हैं?

  • प्रथम तीन महीनों के व्यायाम आपके व शिशु के शरीर में खून व ऑक्सीजन का संचार बढ़ाते हैं। इसके अलावा मांसपेशियों में कसाव व शक्ति बढ़ाते हैं। जिससे आप कमर दर्द की तकलीफ से बच सकती हैं। साथ ही इससे आपका प्रसव आसान होता है।

 

  •  मध्य तीन महीनों का फिटनेस प्रोग्राम शारीरिक ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है। रातों की नींद सुखदायी बनाता है। अतिरिक्त चर्ब‍ी बढ़ने से रोकता है। प्रसूति पश्चात वजन घटाने में बहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

  •  अंतिम तीन महीनों में किए गए व्यायाम गर्भवती स्त्री को प्रसव के लिए तैयार करने के लिए होते हैं। ये शारीरिक क्षमता बढ़ाते हैं तथा प्रसूति पश्चात की वेदना से उभरने की ताकत देते हैं।

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